चोरी के हंसगुल्ले की दुकान
दीदी गुलाम अली की ग़ज़ले सुन सकत हैं
,
क्योंकि
# मालदा
समेत पूरे बंगाल में खुशहाली है...
कार्टूनः सतीश आचार्य
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