थोड़ा कम खाया कर ताऊ
एक बार रामू अपनी
बीवी के साथ ट्रेन मे सफर कर रहा था। अचानक
रामू की
बीवी को सर्दी लगने लगी तो उसने रामू से
खिडकी बंद करने के लिए कहा।
रामू खिडकी
के पास गया और खिडकी को नीचे धकेलने लगा लेकिन खिडकी बंद नही हुई।
तभी अचानक एक बूढ़ा जो सामने की सीट पर बैठा था, खिडकी के पास आया और एक झटके मे ही खिडकी को बंद करते हुए रामू से बोला, “बेटा कुछ खा लिया करो”।
तभी अचानक एक बूढ़ा जो सामने की सीट पर बैठा था, खिडकी के पास आया और एक झटके मे ही खिडकी को बंद करते हुए रामू से बोला, “बेटा कुछ खा लिया करो”।
थोडी देर बाद रामू की बीवी रामू से बोली, मुझे गर्मी लग रही है वो
खिडकी खोल दो।
रामू खिडकी के पास गया और खिडकी खोलने का प्रयास किया लेकिन इस बार भी रामू असफल रहा। तभी वही बू़ढ़ा उठा और एक झटके मे खिडकी खोलते हुए वही बात दोहराई, “बेटा कुछ खा लिया करो”।
रामू खिडकी के पास गया और खिडकी खोलने का प्रयास किया लेकिन इस बार भी रामू असफल रहा। तभी वही बू़ढ़ा उठा और एक झटके मे खिडकी खोलते हुए वही बात दोहराई, “बेटा कुछ खा लिया करो”।
रामू को इस बात से शर्म महसूस
हुई और उसने बदला लेने की सोची।
बूढ़ा उठा और झट से चैन खींच दिया
रामू उठा और ट्रेन रुकने वाली
चैन को पकड़कर ऐसे हाव भाव करने लगा कि मानो वह चैन को खीँंचना चाहता हो।
तभी वही बूढ़ा उठा और झट से चैन को खींच दिया और वही बात बोला, “बेटा कुछ खा लिया कर”।
ट्रेन रुक गई और टीटी ने बिना कारण चैन खींचने पर बूढ़े को पकड लिया।
जब
टीटी बूढ़े को पकड़कर ले जा रहा था तो बूढ़ा गुस्से मे रामू की ओर देखने लगा।
तभी
रामू मुस्कुराते हुए बोला, “ताऊ जी थोडा कम खाया करो।